DEKHO NCR
फरीदाबाद,03 जून, रूपेश कुमार । पिछले कुछ समय के दौरान ओवरलोड वाहनों के पलटने से दुर्घटना होने की कई घटनाएं हो चुकी है। अत्याधिक ज्यादा वजन और वाहन के डाले से ज्यादा ऊंचाई तक सामान लादकर चलने वाले इन वाहनों को राष्ट्रीय राजमार्ग अथवा शहर की अन्य सड़कों पर कहीं भी आसानी से देखना जा सकता है। लेकिन इसके बावजूद इनकी लगाम कसने का कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है। सडक़ों पर दौडऩे वाले ओवरलोड वाहन यातायात नियमों की धज्जियां तो उड़ा ही रहे हैं। अक्सर होते रहते हैं हादसे
ओवरलोड वाहनों से होने वाली दुर्घटनाओं में जहां लोगों के घायल होने व मारे जाने के मामले अक्सर सामने आते रहते हैं। इनकी वजह से सरकारी सम्पत्ति को भी नुकसान होता रहता है। करीब दो साल पहले बीके चौक पर मुख्य डाकघर के सामने स्टील की सीटों से लदे एक ओवरलोड कैन्टर की वजह से नाले का पुल टूट कर धंस गया था। इसके कुछ समय बाद हार्डवेयर चौक पर स्टील का ट्राला पलट गया था। इसके अलावा करीब चार साल पहले सेक्टर 25 स्थित गुरूग्राम नहर का पुल क्षतिग्रस्त होकर टूट गया था। जिस समय यह पुल टूटा था, उस समय पुल पर ओवरलोड ट्राले के साथ साथ अन्य कई ओवरलोड वाहन मौजूद थे। इसके अलावा उसी दौरान नीलम चौक पर स्टील की सीटों से लदा एक ओवरलोड कैन्टर बीच सड़क पर पलट गया था।
बेखौफ दौड़ते वाहन
आरटीए और यातायात पुलिस की लापरवाही से शहर की सड़कों पर ओवरलोड वाहनों को कहीं भी तेज रफ्तार से दौड़ते हुए कभी भी देखा जा सकता है। ज्यादातर ओवरलोड वाहनों को राष्ट्रीय राजमार्ग, बाईपास रोड, सोहना रोड, फरीदाबाद गुरुग्राम रोड, सूरजकुंड रोड और शहर की अन्य सड़कों पर किसी भी समय दौड़ते हुए आम देखा जा सकता है। इसके अलावा ओवरलोड वाहन लोगों की जान जोखिम में डाल कर शहर की अंदरूनी सड़कों पर भी हर समय दौड़ते रहते हैं। जबकि ज्यादातर प्रमुख सड़कों के साथ ही शहर के करीब सभी चौक चौराहों पर यातायात पुलिस के कर्मचारी तैनात रहते हैं। इसके अलावा पुलिस की पीसीआर वैन भी जगह जगह गश्त करती रहती है। लेकिन पुलिस की मौजूदगी में यह ओवरलोड वाहन बिना किसी रोक टोक के सड़कों पर बेधड़क होकर दौड़ते आम नजर आते हैं।
फायदे के लिए ओवरलोडिंग
कुछ व्यवसायी अपने थोड़े से लालच के लिए वाहनों पर क्षमता काफी ज्यादा वजन लाद देते है। ज्यादातर ओवरलोड वाहनों के चालक जल्दी पहुंचने के चक्कर में तेज रफ्तार से वाहनों को दौड़ाते हैं। ऐसे में यदि चालकों को अचानक ब्रेक लगानी पड़ जाए तो वाहनों का कई बार संतुलन बिगड़ जाता है। जिससे ओवरलोड वाहन बीच सड़क पर पलट जाता है। कुछ समय पहले इसी वजह से पत्थरों से लदा ओवरलोड डंपर गुरूग्राम रोड पर मांगर के पास पलट गया था। गुरूग्राम और सोहना रोड पर इस तरह के हादसे अक्सर होते रहते हैं। इन सडक़ों पर दौडऩे वाले ज्यादातर डंपर अवैध खनन के पत्थरों को ओवरलोड लाद कर दौड़ते हैं। इन वाहनों की वजह से कई बार लोगों की जान तक जा चुकी है। इसके अलावा रूप से चल रही ट्रेक्टर ट्रालियों के चालकों ने तो सभी कायदे कानून ताक पर रख दिये है।
ओवरलोड वाहनों से होने वाली दुर्घटनाओं में जहां लोगों के घायल होने व मारे जाने के मामले अक्सर सामने आते रहते हैं। इनकी वजह से सरकारी सम्पत्ति को भी नुकसान होता रहता है। करीब दो साल पहले बीके चौक पर मुख्य डाकघर के सामने स्टील की सीटों से लदे एक ओवरलोड कैन्टर की वजह से नाले का पुल टूट कर धंस गया था। इसके कुछ समय बाद हार्डवेयर चौक पर स्टील का ट्राला पलट गया था। इसके अलावा करीब चार साल पहले सेक्टर 25 स्थित गुरूग्राम नहर का पुल क्षतिग्रस्त होकर टूट गया था। जिस समय यह पुल टूटा था, उस समय पुल पर ओवरलोड ट्राले के साथ साथ अन्य कई ओवरलोड वाहन मौजूद थे। इसके अलावा उसी दौरान नीलम चौक पर स्टील की सीटों से लदा एक ओवरलोड कैन्टर बीच सड़क पर पलट गया था।
बेखौफ दौड़ते वाहन
आरटीए और यातायात पुलिस की लापरवाही से शहर की सड़कों पर ओवरलोड वाहनों को कहीं भी तेज रफ्तार से दौड़ते हुए कभी भी देखा जा सकता है। ज्यादातर ओवरलोड वाहनों को राष्ट्रीय राजमार्ग, बाईपास रोड, सोहना रोड, फरीदाबाद गुरुग्राम रोड, सूरजकुंड रोड और शहर की अन्य सड़कों पर किसी भी समय दौड़ते हुए आम देखा जा सकता है। इसके अलावा ओवरलोड वाहन लोगों की जान जोखिम में डाल कर शहर की अंदरूनी सड़कों पर भी हर समय दौड़ते रहते हैं। जबकि ज्यादातर प्रमुख सड़कों के साथ ही शहर के करीब सभी चौक चौराहों पर यातायात पुलिस के कर्मचारी तैनात रहते हैं। इसके अलावा पुलिस की पीसीआर वैन भी जगह जगह गश्त करती रहती है। लेकिन पुलिस की मौजूदगी में यह ओवरलोड वाहन बिना किसी रोक टोक के सड़कों पर बेधड़क होकर दौड़ते आम नजर आते हैं।
फायदे के लिए ओवरलोडिंग
कुछ व्यवसायी अपने थोड़े से लालच के लिए वाहनों पर क्षमता काफी ज्यादा वजन लाद देते है। ज्यादातर ओवरलोड वाहनों के चालक जल्दी पहुंचने के चक्कर में तेज रफ्तार से वाहनों को दौड़ाते हैं। ऐसे में यदि चालकों को अचानक ब्रेक लगानी पड़ जाए तो वाहनों का कई बार संतुलन बिगड़ जाता है। जिससे ओवरलोड वाहन बीच सड़क पर पलट जाता है। कुछ समय पहले इसी वजह से पत्थरों से लदा ओवरलोड डंपर गुरूग्राम रोड पर मांगर के पास पलट गया था। गुरूग्राम और सोहना रोड पर इस तरह के हादसे अक्सर होते रहते हैं। इन सडक़ों पर दौडऩे वाले ज्यादातर डंपर अवैध खनन के पत्थरों को ओवरलोड लाद कर दौड़ते हैं। इन वाहनों की वजह से कई बार लोगों की जान तक जा चुकी है। इसके अलावा रूप से चल रही ट्रेक्टर ट्रालियों के चालकों ने तो सभी कायदे कानून ताक पर रख दिये है।
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